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Hanuman Ji Ki Aarti

Hanuman Ji Ki Aarti

Hanuman Ji ki Aarti in Hindi and English

Experience the divine resonance of Shri Hanuman Ji’s Aarti. Join us in offering your reverence through the Aarti Ki Jai Hanuman Lala Ki. Immerse yourself in the spiritual ambiance and connect with the sacred verses of this Aarti, available in both Hindi and English languages.

श्री हनुमानजी की आरती

 

कार्पासवर्त्तिकायुक्तं दिव्यं घृतेन पूरितम् ।

आर्तिक्यं संगृहाणेदं कृपया करुणानिधे ॥

ॐ श्री हनुमतेनमः नीराजनं समर्पयामि ।

आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।

जाके बल से गिरिबर काँपै, रोग दोष जाके निकट न झाँपै ॥ १ ॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई,संतन के प्रभु सदा सहाई ॥ २ ॥

आरती कीजै हनुमान लला की,आरती कीजै

दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सीय सुधि लाये ॥ ३ ॥

लंका सो कोट समुद्र सी खाई, जात पबनसुत बार न लाई ॥ ४ ॥

लंका जारि असुर संहारे,सिया राम जी के काज सँवारे ॥ ५ ॥

आरती कीजै हनुमान लला की,आरती कीजै

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे, आनि सजीवन प्राण उबारे ॥ ६ ॥

पैठि पताल तोरि जम कारे,अहिरावन की भुजा उखारे ॥ ७ ॥

बाँये भुजा असुर दल मारे, दाहिने भुजा संतजन तारे ॥ ८ ॥

आरती कीजै हनुमान लला की,आरती कीजै

सुर नर मुनि आरती उतारे,जै-जै-जै हनुमान जी उचारे ॥ ९ ॥

कंचन थार कपूर लौ छाई,आरति करत अंजना माई ॥ १० ॥

जो हनुमान (जी) की आरति गावै, बसि बैकुंठ परम पद पावै ॥ ११ ॥

आरती कीजै हनुमान लला की,दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।

त्वमेव माता च पिता त्वमेव,त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।

त्वमेव विद्या द्रविण त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव ॥

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